कयामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर,
ना जाने क्या हश्र होगा अगर वो मुस्कुराये तो.
कयामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर,
ना जाने क्या हश्र होगा अगर वो मुस्कुराये तो.
Kayamat tut padti hai zara se honth hilne par,
Na jaane kya hashra hoga agar vo muskuraye to.