सुख मेरा काँच सा था,
न जाने कितनों को चुभ गया.
सुख मेरा काँच सा था,
न जाने कितनों को चुभ गया.
Sukh mera kaanch sa tha,
Na jane kitnon ko chubh gaya.
सुख मेरा काँच सा था,
न जाने कितनों को चुभ गया.
सुख मेरा काँच सा था,
न जाने कितनों को चुभ गया.
Sukh mera kaanch sa tha,
Na jane kitnon ko chubh gaya.