दिल के बाजार में चाह नही होती,
दर्द होता हे मगर आह नही होती,
अगर दिल से किया गया हो कोई सौदा,
तो चुकाई गई किमत की परवाह नही होती.
दिल के बाजार में चाह नही होती,
दर्द होता हे मगर आह नही होती,
अगर दिल से किया गया हो कोई सौदा,
तो चुकाई गई किमत की परवाह नही होती.
Dil Ke Bazaar Mein Chah Nahi Hoti,
Dard Hota Hai Magar Aah Nahi Hoti,
Agar Dil Se Kiya Gaya Ho Koi Sauda,
To Chukai Gayi Kimat Ki Parwah Nhi Hoti.