न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है,
किस बरहम ने कहा था कि ये साल अच्छा है.
-अहमद फ़राज़
न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है,
किस बरहम ने कहा था कि ये साल अच्छा है.
-अहमद फ़राज़
Na Shab O Roz Hi Badle Hain Na Haal Achha Hai,
Kis Barham Ne Kaha Tha Ki Ye Saal Achha Hai