बिकती है ना ख़ुशी कहीं,
ना कहीं गम बिकता है,
लोग गलतफहमी में हैं,
कि शायद कहीं मरहम बिकता है.
बिकती है ना ख़ुशी कहीं,
ना कहीं गम बिकता है,
लोग गलतफहमी में हैं,
कि शायद कहीं मरहम बिकता है.
Bikti Hai Na Khushi Kanhi,
Na Kanhi Gham Bikta Hai,
Log Galatfehmi Mein Hai,
Ki Shayad Kanhi Marham Bikta Hai.