आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में,
एक दो वादे जो दोनों से निभाये ना गए.
आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में,
एक दो वादे जो दोनों से निभाये ना गए.
Aaj Tak Rakhe Hai Pachtave Ki Almari Mein,
Ek Do Waade Jo Dono Se Nibhaye Nahi Gaye.
आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में,
एक दो वादे जो दोनों से निभाये ना गए.
आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में,
एक दो वादे जो दोनों से निभाये ना गए.
Aaj Tak Rakhe Hai Pachtave Ki Almari Mein,
Ek Do Waade Jo Dono Se Nibhaye Nahi Gaye.