मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है,
तूने देखा ही नहीं,
आँखों में कुछ और भी है.
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है,
तूने देखा ही नहीं,
आँखों में कुछ और भी है.
Meri Khamoshi Mein Sannata Bhi Hai Aur Shor Bhi Hai,
Tune Dekha Hi Nahi,
Aankhon Mein Kuch Aur Bhi Hai.
