मैं तेरे इश्क़ की छाँव में जलकर,
काला न पड़ जाऊं कही,
तू मुझे हुस्न की धूप का एक टुकड़ा दे.
मैं तेरे इश्क़ की छाँव में जलकर,
काला न पड़ जाऊं कही,
तू मुझे हुस्न की धूप का एक टुकड़ा दे.
Main Tere Ishq Ki Chhanv Mein Jal-jalkar,
Kala Na Pad Jau Kahi,
Tu Mujhe Husn Ki Dhoop Ka Ek Tukda De.