ऐ पलक तु बन्द हो जा,
ख्बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी,
इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगा,
कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी.
ऐ पलक तु बन्द हो जा,
ख्बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी,
इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगा,
कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी.
Ae Palak Tu Band Ho Ja,
Khwabon Mein Uski Soorat To Najar Ayegi,
Intezaar To Subah Dobara Shuru Hoga,
Kam Se Kam Raat To Khushi Se Kat Jayegi.