बदल गयी है फ़ितरत,
ज़माने की ज़नाब,
आजकल वही अनजान बनते है,
जो सबकुछ जानते हैं.
बदल गयी है फ़ितरत,
ज़माने की ज़नाब.
आजकल वही अनजान बनते है,
जो सबकुछ जानते हैं.
Badal Gayi Hai Fitrat,
Zamane Ki Janab.
Aajkal Vahi Anjan Bante Hai,
Jo Sabkuch Jante Hai.