जिस दिन इस "दिल" मे
दर्द "बेहिसाब" होता है,
"शायरी" के लिए वो दिन
"लाजवाब" होता है.
जिस दिन इस "दिल" मे दर्द "बेहिसाब" होता है,
"शायरी" के लिए वो दिन "लाजवाब" होता है.
Jis din is "dil" mein dard
"behisab" hota hai,
"Shayari" ke liye vo din
"lajawab" hota hai.