किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे,
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे,
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे.
किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे,
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे,
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे.
Kisne Raste Mein Chand Rakha Tha,
Mujhko Thokar Lagi Kaise.
Waqt Pe Panv Kab Rakha Humne,
Zindagi Muh Ke Bal Geeri Kaise,
Aankh To Bhar Aayi Thi Pani Se,
Teri Tasveer Jal Gayi Kaise.