न जाने कब फिर से ये मंज़र सुहाना मिलेगा,
ये खिल-खिलाती हँसी और दोस्तों का याराना मिलेगा,
क़ैद कर लो इन खूबसूरत लम्हों को अपनी यादों में यारो,
इन्ही लम्हों से हमें ज़िंदगी में रोते हुए भी हँसने का बहाना मिलेगा.
न जाने कब फिर से ये मंज़र सुहाना मिलेगा,
ये खिल-खिलाती हँसी और दोस्तों का याराना मिलेगा,
क़ैद कर लो इन खूबसूरत लम्हों को अपनी यादों में यारो,
इन्ही लम्हों से हमें ज़िंदगी में रोते हुए भी हँसने का बहाना मिलेगा.
Na jane kab fir se ye manzar suhana milega,
Ye khil-khilati hansi aur doston ka yaarana milega,
Qaid kar lo in khoobsurat lamhon ko apni yaadon mein yaaron,
inhi lamhon se humein zindagi mein rote huye bhi hansne ka bahana milega.