ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता हैं,
ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे,
दोनों ही बेजुबां निकले.
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता हैं,
ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे,
दोनों ही बेजुबां निकले.
Na lafzon ka lahu nikalta hain,
Na kitabein bol pati hain,
Mere dard ke do hi gawah the,
Dono hi bejubaan nikle.