पांवों के लड़खड़ाने पे तो है सबकी नज़र,
सर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं.
पांवों के लड़खड़ाने पे तो है सबकी नज़र,
सर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं.
Pavon Ke Ladkhadane Par To Hai Sabki Nazar,
Sir Par Hai Kitna Bojh Koi Dekhta Nahi.

पांवों के लड़खड़ाने पे तो है सबकी नज़र,
सर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं.
पांवों के लड़खड़ाने पे तो है सबकी नज़र,
सर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं.
Pavon Ke Ladkhadane Par To Hai Sabki Nazar,
Sir Par Hai Kitna Bojh Koi Dekhta Nahi.