पिछला बरस तो खून रुला कर गुजर गया,
क्या गुल खिलाएगा ये नया साल दोस्तो.
-फारूक इंजीनियर
पिछला बरस तो खून रुला कर गुजर गया,
क्या गुल खिलाएगा ये नया साल दोस्तो.
-फारूक इंजीनियर
Pichla Baras To Khoon Rula Kar Guzar Gaya,
Kya Gul Khilayega Ye Naya Saal Doston.